आज हम इस आर्टिकल में गोवा की कला और संस्कृति के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे
गोवा को हम सभी अच्छी तरह से जानते है की गोवा किसलिए प्रसीद है |
गोवा राज्य पूरी तरह से प्राकृतिक खूबसूरती से भरा पड़ा है गोवा की कला और संस्कृति को देखने के लिए हर साल 63 लाख से ज्यादा पर्यटक आते है जो इतने छोटे से राज्य में इतने पर्यटक यहाँ की प्रसिद्धि को दिखाते है | गोवा को “रोम ऑफ द ईस्ट” के नाम से भी जाना जाता है |
गोवा की पहचान यहां के खूबसूरत बीचों, पार्टियों, रोमांचित करने वाली नाईटलाइफ, वाटरस्पोर्ट, खान-पान, रहन-सहन, वेशभूषा आदि में है गोवा में 450 वर्षो के बाद आज भी पुर्तगालियों की संस्कृति, परम्परा , सभ्यता और उपनिवेश की झलक देखने को मिल जाती हैं।आइये बिना समय गवाए जानते है गोवा की कला और संस्कृति के बारे में –
गोवा का इतिहास तीसरी सदी इसा पूर्व से शुरु होता है उस समय यहाँ मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई। उसके बाद बादामी के चालुक्य शासकों ने इस पर वर्ष 580 से 750 तक शासन किया।
गोवा वर्ष 1312 में पहली बार दिल्ली सल्तनत के अधीन हुआ उसके बाद यहाँ कई सासको ने शासन किया
सन 1510 ईस्वी में पुर्तगाली शासन की शुरुवात गोवा में हुई और यह शासन अगली साढ़े चार सदियों तक चला। 18 वीं शताब्दी तक पुर्तगालीयो ने गोवा के अधिकांश भाग पर कब्ज़ा कर लिया |
भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने पुर्तगाली प्रदेशो को भारत को सौपने का अनुरोध किया किन्तु पुर्तगाल ने इससे मना कर दिया परिणामस्वरूप 19 दिसंबर 1961 को, भारतीय सेना ने ओपरेशन विजय चलाकर गोवा को भारत में शामिल कर लिया |
30 मई 1987 में केंद्र शासित प्रदेश गोवा को भारत का पचीसवाँ राज्य का दर्ज़ा दिया गया
गोवा का क्षेत्रफल 3702 वर्ग किलोमीटर तक फैला है। गोवा का अक्षांश और देशान्तर क्रमश: 14°53’54” और 73°40’33” E है। गोवा का समुद्र तट लगभग 132 किलोमीटर लम्बा है। गोवा भारत का सबसे छोटा राज्य है।
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गोवा की कला और संस्कृति में यूरोपीय संस्कृति का प्रभाव काफी ज्यादा दिखाई देता है क्युकी गोवा 450 साल तक पुर्तगाली शासन के अधीन रहा है । गोवा की करीब 60% जनसंख्या हिंदू और 28% जनसंख्या ईसाई धर्म का पालन करती है। इसके बावजूद विभिन्न धर्म के लोग हिन्दू, मुस्लिम, इसाई और कैथोलिक का एक खूबसूरत मिश्रण गोवा में दिखाई देता हैं। गोवा में पुरानी परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए सभी त्यौहार को विभिन धर्मो द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं जो यहाँ की कला और संस्कृति में विविधता में एकता को दिखाता है ।
गोवा के दक्षिण में ईसाई समाज का ज्यादा प्रभाव दिखाई देता है लेकिन वहाँ के वास्तुशास्त्र में हिंदू प्रभाव देखा जाता है। इसके विपरीत उत्तर गोवा में ईसाई कम संख्या में रहते हैं लेकिन वहाँ पुर्तगाली वास्तुकला के नमूने ज्यादा देखने को मिलते है। गोवा की समृद्ध विरासत और संस्कृति आधुनिक सुधारों से शायद अछूती रही हैं जैसा की महानगरों में देखी जाती है |
अगर देखा जाये तो गोवा की कला और संस्कृति काफी प्राचीन दिखाई देती है । ऐसा कहा जाता है की 1000 साल पहले गोवा को “कोंकण काशी” के नाम से जाना जाता था।
गोवा की कला और संस्कृति के बाद गोवा के खान पान के बारे में अगर में कहूं के आप भारत के किसी भी क्षेत्र के क्यों ना हो, पर अपने भोजन के लिए गोवा के मेहरबान है तो गलत नहीं होगा क्योकि गोवा का भोजन पर्यटकों को लुभाने के लिए सबसे अच्छा है गोवा के भोजन में ताजा समुद्री भोजन झींगे, केकड़े, किंगफिश, लडिफिश, मसल्स, लोब्स्टर्स और कस्तूरी काफी लोकप्रिय है | इनके साथ भोजन में मछली करी और चावल यहां सबसे अच्छा संयोजन हैं।
आप गोवा में कोई भी रेसटोरेंट्स में जाए वहा पर beef, pork, seafood, और शाकाहारी खाना बिना भेदभाव के एक साथ मिलेगा।पोर्क विंदालू ,बीफ और पोर्क रोस्ट भी गोवा में सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से है। गोवा भी अन्य राज्यों की तरह अपने केक और मिठाई के लिए प्रसिद्ध है। इनके अलावा भी गोवा के खान पान की लिस्ट इस प्रकार है – चिकन एक्जॉटी, गोयल स्क्वीड फ्राई, गोअन फिश करी, बेबिंका, पोर्क विंडालू, फोना करी, रावा फ्राई फिश, चिकन काफ्रियल, सन्ना, प्रॉन बलचो, गोवन नेवरी आदि शामिल हैं।
गोवा विभिन्न हस्तशिल्पों का घर है। राज्य के शिल्प की कला देखते ही बनती है राज्य के शिल्प की देश के साथ-साथ विदेशों में भी भारी मांग हैं। गोवा के कारीगर द्वारा आकर्षित आभूषण, फ्रेम और शोपीस बनाने के लिए समुद्र तट से प्राप्त किए गए गोले और नारियल की खाल का इस्तेमाल किया जाता है। गोवा में विभिन्न हस्तकला एम्पोरियम और सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों में बेचे जाते हैं।
गोवा के शिल्प में मिट्टी के बर्तन और टेराकोटा, लकड़ी का काम, पीतल और धातु का काम, क्रोकेट और कढ़ाई, बांस शिल्प, फाइबर शिल्प, बैटिक प्रिंट और धातु एम्बॉसिंग आदि प्रमुखता से शामिल हैं।
गोवा के मिट्टी के बरतन की समृद्ध लाल, चिकनी सतहों की अपनी अलग पहचान है | गोवा में अन्य बनायीं जाने वाली वस्तुओं में फूलों के बगीचे के बर्तन, पुष्प डिजाइनों के साथ कटोरे, संतों, देवताओं और देवताओं की आकृतियाँ, पशु, राखियाँ, कलमकारी आदि सम्मलित है
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गोवा के पहनावे की बात की जाए तो गोवा के पहनावे में महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा जिसमे 9 गज की साड़ी शामिल होती है जिसे पानो भजु के नाम से जाना जाता हैं | महिलाये अपने कुनबी पल्लू को बांधते हुए एक बंधी हुयी साड़ी पहनती हैं एवं अपना एक अलग पहनावा रखती हैं। उनके पहनावे में एक पत्ती वाली लंगोटी, जिसे ‘वल्कल’ भी बोला जाता जाता है एवं आभूषण जो पूरे पहनावे को संतुलित करते हैं।
गोवा में मछुआरों के पास कोई विशेष वेशभूसा नहीं होती है | लेकिन वह परम्परगत ड्रेस के रूप हाफ पैंट के साथ चमकीले सूती शर्ट पहने हुए होते है | आदिवसियों के पहनावे में एक लंगोटी होती हैं जिसे कशी के नाम से जानते हैं और उनके कंधे पर एक कम्बल रखा हुआ रहता है।
गोवा में नृत्य और संगीत गोवा की कला और संस्कृति का अहम हिस्सा है जो यहां के लोगो एवं यहाँ आने वाले पर्यटकों को बहुत अधिक पसंद हैं। गोआंस का कला प्रदर्शन बहुत ही विशेष है जोकि भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अलग है। भारतीय और पश्चिमी गोवा का एक सुंदर मिश्रण गोयन कला के द्वारा दिखाई देता हैं जिसमे फुगड़ी, ढ्लो और कुणबी आदि शामिल होते हैं। गोवा में लोक नृत्य और संगीत का आयोजन दोनों धार्मिक त्योहारों या विशेष घटनाओं में किया जाता हैं।
देखनी डांस गोवा समुदाय की महिला द्वारा घूमट पहनकर किया जाता हैं। इसके अलावा गोफ तोला गाड़ी और शिग्मो फेस्टिवल 2 गोफ तोला गाड़ी और शिग्मो फेस्टिवल जो नृत्य के कुछ रूप हैं यह गोयन समुदाय के द्वारा किया जाता है। सामान्यत इनका प्रद्सन वसंत के महीनो के दौरान होता है |
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गोवा अपनी प्राकृतिक सुंदरता व अनूठी संस्कृति के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। अगर बात त्योहारों की करे तो गोवा में कई प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन गोवा में क्रिसमस और नया साल बड़े हर्षोउल्लाश के साथ मनाया जाता है। गोवा में कार्निवल एक उत्सव का मौसम होता है जो लेंट से ठीक पहले आता है इसके प्रमुख कार्यक्रम सामान्यः फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में मनाया जाता है | कार्निवल में विशेषरूप से एक सार्वजनिक समारोह या परेड होती है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां आयोजित की जाती हैं। गोवा में बहुत से ऐसे उत्सव हैं जिन्हें केवल गोवा में ही आयोजित किया और मनाया जाता है। यह गोवा के कुछ अन्य त्यौहार है नववर्ष थ्री किंग्स फेस्ट, गोवा कार्निवल,गुड फ्राइडे,ईस्टर, गोवा मेमोरेबल डे, साओ जोआओ उत्सव, संत फ्रांसिस जेवियर उत्सव, क्रिसमस डे आदि है |
गोवा जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने निजी वाहन के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। गोवा सभी तरह की संचार व्यवस्था से जुड़ा हैं।
यदि आप गोवा हवाई मार्ग से जाना चाहते है, तो गोवा शहर का डाबोलिम एयरपोर्ट या गोवा एयरपोर्ट गोवा राज्य में ही स्थित हैं, और देश के सभी बड़े शहरो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है आप आसानी से गोवा पहुँच सकते है |
ट्रैन के द्वारा गोवा जाने के लिए गोवा में दो रेल्वे स्टेशन थिविम रेल्वे स्टेशन और वास्को डी गामा रेल्वे स्टेशन मौजूद हैं। यह रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरो से अच्छी तरह जुड़े हुए है आप दोनों में से किसी भी स्टेशन से आ सकते हैं
गोवा सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है गोवा की राजधानी पणजी में बस स्टैंड हैं। यह भी देश के प्रमुख नजदीकी शहरो से अच्छी तरह जुड़ा है एवं आप इस बस स्टैंड पर बस से उतर कर गोवा के किसी भी कोने में जा सकते हैं |
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यदि आपके मन में सवाल आ रहा है की गोवा क्यों फेमस है तो में आपको बता दू की गोवा गोवा राज्य यहां के खूबसूरत बीचों, कभी खत्म न होने वाली पार्टियों, रोमांचित कर देनी वाली नाईटलाइफ, वाटरस्पोर्ट, खान-पान, रहन-सहन, वेशभूषा आदि के लिए विश्वभर में प्रसीद है |गोवा अपने बीचों के लिए अत्यंत मशहूर है। इसके साथ ही हॉलिडे डेस्टिनेशन के लिए भी गोवा प्रसीद है गोवा के जैसे हॉलिडे डेस्टिनेशन के लिए इंडिया में शायद ही कोई जगह होगी |
गोवा में करीब 60% हिंदू और 28% ईसाई धर्म लोग रहते है।यहाँ के लोग बाकि भारतीय लोगो विशेषकर मुंबई के लोगो जैसे ही दिखते है हालांकि अभी गोवा में बाहर से आये लोग भी बड़ी संख्या में बस गए है इसलिए लोगो में विविधता देखने को मिलती है गोवा के लोग काफी मिलनसार और बिना किसी धार्मिक भेदभाव वाले होते है यहाँ सभी धर्म के लोग मिलकर रहते है | जो यहाँ की विविधता में एकता को दिखते है |
आप गोवा में छुट्टी बिताने वैसे तो कभी भी जा सकते है ।फिर भी अगर आपका बजट है तो गोवा जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है. इसी समय गोवा में कई बड़े फ़ेस्टिवल्स भी आयोजित होते हैं. इस समय आप जा सकते है लकिन जून से लेकर सितंबर तक यहां काफी बारिश होने की वजह से बहुत कम पर्यटक आते हैं लेकिन आप कम बजट में गोवा जाना चाहे तो June से September के बीच मानसून सीजन में यहाँ स्पेशल डिस्काउंट भी रहता है जिससे कम दाम में आप गोवा जा सकते है।.
.पेट्रोल /डीज़ल- गोवा में सरकार पेट्रोल /डीज़ल पर बहुत कम टैक्स वसूलती है जिससे यह बाकि राज्यों से बहुत सस्ता मिलता है |
काजू फेनी/पोर्ट वाइन – यहाँ शराब / बीयर के लिए कीमत काफी कम है |
हस्तशिल्प- यहाँ हस्तशिल्प भी काफी सस्ता है |
काजू गर- गोवा के काजू गर पुरे विश्वभर में प्रसीद है और यहाँ पर यह काफी सस्ते दाम में मिल जाते है |
मसाले- अगर आप मसाला खरीदना चाहते है तो गोवा में आपको काफी सस्ते मिल जायेगे |
दिन के समय गोवा में जंपसूट, प्लेसूट्स, शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनने में अच्छे रहते हैं। लेकिन, अपनी पैकिंग में सनस्क्रीन, धूप का चश्मा और एक टोपी, आरामदायक फुटवियर ,बीच पर पहनने वाले कपड़े, लैदर का सामान, सामान्य जूते, आदि लेकर जरूर जाए | लेकिन जुराबें न लेकर आएं क्युकी बीच पर जुराप ले जाना समझदारी नहीं है
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