X

culture of himachal in hindi हिमाचल की कला और संस्कृति हिंदी में


आज हम बात कर रहे है एक ऐसे स्टेट के बारे में जो भारत में कुदरत का स्वर्ग है ऐसा स्टेट जिसको प्रकृति ने अपने हाथो से सजाया है और निखारा है जहा ऊँचे ऊँचे बर्फ के हिमालये से लेकर जमीं पर रंगीली संस्कृति मौजूद है शायद आपने कभी वह जाने का सपना देखा होगा जी हां हम बात कर रहे है हिमालये की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश के बारे में वहा की संस्कृति के बारे में culture of himachal in hindi

हिमाचल प्रदेश के लोगो के पास एक समृद और अनूठी संस्कृति मौजूद है यह संस्कृति उनको विरासत में मिली है और हिमाचल प्रदेश के लोग अपनी इस रंग बिरंगी संस्कृति पर गर्व करते है साथ ही वहा के लोगो ने टाइम के अनुसार आ रहे बदलाव को भी अपनाया है अगर आप कभी हिमाचल जायँगे तो आपको वहा की रंग बिरंगी पोशाके जरूर उनकी और खींच लेगी जीवन जीने की कला और उसका जूनून हिमाचल की रंगीन पोशाक और अद्भुत समारोहों में जरूर दिखाई देता है।

culture of himachal in hindi विविधता में एकता को सजोये हुए हिमाचल प्रदेश एक ऐसी भूमि है जहाँ अनेक धर्म है और अनेक प्रकार की भाषाओं बोली जाती है यह एक बहुभासी राज्य है और यहाँ निम्न भाषाएं हिंदी, पंजाबी, पहाड़ी, डोगरी, कांगड़ी और किन्नौरही प्रमुख है।यहाँ के निवासी राज्य में अधिकांश हिंदू धर्म का पालन करते है और अन्य निवासी बौद्ध धर्म का पालन करते है हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की सुंदरता यहाँ के लोग की वेशभूसा और लोगो की सादगी में है। culture of himachal in hindi

Table of Contents

1. Tribes of himachal हिमाचल की कला और संस्कृति हिंदी में

हिमाचल प्रदेश की संस्कृति हिंदी में
culture of himachal in hindi -हालाँकि हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का एक पहाड़ी राज्ये है लेकिन यह बाहरी चीज़ो से इतना प्रभावित नहीं हुआ है राज्य के हिंदू समुदाय जैसे ब्राह्मण, राजपूत, कण्ठ, रथियाँ और कोली आदि है । राज्य में निवास करने वाली जनजातियाँ जैसे गद्दी, किन्नर, गुर्जर, पंगावल और लाहौलियाँ हैं।हिमाचल में मिश्रित आबादी है और कुछ क्षेत्रों में, लाहौल और स्पीति की तरह, बौद्ध आबादी का भी बहुमत में है।

कुछ प्रतिशत लोग तिब्बती भी राज्य में निवास करते है | हालाँकि मुस्लिम, ईसाई और सिख थोड़े कम संख्या में हैं ज्यादातर लोगो की शारीरिक बनावट आर्यों से काफी मिलती-जुलती दिखाई पड़ती है, लेकिन फिर भी मंगोलिए विशेषता वाले लोग भी काफी संख्या में निवास करते हैं। लेकिन इतनी विविधता के बावजूद यहाँ के लोग काफी मिलजूल कर रहते है हालाँकि हिंदी राज्य की राष्ट्रीय भाषा है कई लोग पहाड़ी भाषा भी बोलते हैं। पहाड़ी जगहों में कई बोलियाँ बोली जाती है हैं ज्यादातर आबादी कृषि कार्य में लगी हुई है, लेकिन युवा जो अधिक शिक्षित है अब अन्य नए पेशों की ओर बढ़ रहे हैं।

Read also साउथ इंडिया की कला और संस्कृति

2. costumes of the people of himachal

ब्राह्मण पुरुष की पोशाक में धोती, कुर्ता, कोट, वास्कट, पगड़ी और एक हाथ तौलिया शामिल है, जबकि राजपूत में फिटिंग चूड़ीदार पजामा, एक लंबा कोट और एक पगड़ी शामिल है। इन दोनों जातियों की महिला कुर्ता, सलवार, लंबी स्कर्ट (घाघरी), कढ़ाई वाले टॉप (चोली) और लाल सिर वाले स्कार्फ (रैहाइड) आदि पारंपरिक पोशाक पहनती हैं।लोगों की पोशाक अब सम्मिश्रण के साथ मिश्रित हो गई है।

3. himachal’s home

culture of himachal in hindi – हिमाचल की कला और संस्कृति हिंदी में

हिमाचल प्रदेश में घर मिट्टी की ईंटों से बना होता है और छतें स्लेट होती हैं। पहाड़ी क्षेत्रों का घर है पत्थर से बना होता है। घर पक्के होते हैं और पास में ही पशु रखने का बना होता है। आदिवासियों के पास आमतौर पर दो मंजिला घर बने होते हैं, जिसमें मवेशी को निचे रखा जाता है और पहली मंजिल अपने उपयोग के लिए बनायीं जाती है। अब मजदूरों ने अपने छत वाले घर बना लिए हैं।

4. festival of himachal

हिमाचल प्रदेश की संस्कृति हिंदी में

culture of himachal in hindi:-अगर हम हिमाचल के मैले और फेस्टिवल की बात करे तो हमको भी शायद हिमाचल जाने का मन करे क्युकी यह एक अलग आकर्सन का केंद्र है और यहाँ के मैले और फेस्टिवल देखने लायक होते है फेस्टिवल में हिमाचल प्रदेश के लोग अपनी रंग बिरंगी पारम्परिक पोशको में नजर आते है और आभूष्णों में नज़र आते है और यहाँ के लोग अनेक प्रकार के व्यंजन बनाते है और अपना पारम्परिक लोक नृत्य और संगीत समारोह करते है ,यह सब एक नए जिगासु व्यक्तियों के लिए देखने लायक होता है और एक राइटर के लिए बहुत लिखने लायक होता है|

यह सब देखकर आपको देश की विविधता में एकता पर जरूर गर्व होगा | हिमाचल में मनाए जाने वाले कुछ मेले और त्योहारी इस प्रकार है जैसे कुल्लू दशहरा, शिवरात्रि मेला, शूलिनी मेला (सोलन), मिंजर मेला (चंबा), मणि महेश चंबा यात्रा (चंबा), रेणुका मेला (सिरमौर), व्रजेश्वरी मेला ( कांगड़ा), महिमाचलवेशी मेला, छठ महोत्सव और नवरात्रि उत्सव हिमाचल में बड़ी उत्सुकता से मनाये जाते है|

5.handicraft of himachal

हिमाचल प्रदेश के लोग काफी ज्यादा मेहनती और प्रतिभाशाली होते हैं और यह उनकी कला और शिल्प में साफ़ झलकता है । इस राज्य के खूबसूरत हस्तशिल्प वास्तव में सराहना के लायक हैं अगर यहा के हस्तशिल्प उधोग की बात की जाए तो विभिन प्रकार की हस्तशिल्प चीज़े आपको मिलेगी जिसमे हस्तशिल्प गहने, कालीन, चमड़े के सामान, पेंटिंग, धातु के बर्तन और लकड़ी के काम आदि प्रमुख हैं।

हिमाचल का पश्मीना शॉल जोकि राज्ये की एक हस्तकला है जो दुनियाभर में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसीद है इसके अलावा रंगीन हिमाचली टोपी भी काफी प्रसीद है डोम जनजाति बक्से, सोफे, कुर्सियाँ, टोकरी और रैक जैसे बाँस की वस्तुओं के निर्माण कार्य करती है। मिट्टी के बर्तन और स्टैचुलेट्स भी हिमाचल में काफी प्रसिद्ध हैं और राज्ये के मेटलवेयर में बर्तन, कर्मकांड के बर्तन, मूर्तियाँ, सोने और चाँदी के गहने आदि है

Read more उत्तराखंड की कला और संस्कृति

6. dance and music of himachal.


culture of himachal in hindi
– हिमाचल की कला और संस्कृति हिंदी में

अगर बात करे हिमाचल के संगीत और नृत्य की तो इसका धर्म से गहरा जुड़ाव है यहाँ के लोग अपने नृत्य और संगीत के माध्यम से,त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों पर देवताओं की पूजा एवं उनको प्रसन करते है हालाँकि कुछ विशिष्ट छेत्रो या जनजाति के द्वारा ऐसा नृत्य भी किया जाता है जो दूसरे नृत्यों से अलग होते है। डांस एंड म्यूजिक हिमाचल प्रदेश की संस्कृति का एक प्रमुख पहलु है क्युकी उसके बिना उनकी संस्कृति अधूरी है।हिमाचल के नृत्य में संगीत का अहम् योगदान है ।

लेकिन लोक संगीत हिमाचलियों के बीच में बहुत लोकप्रिय है। राज्य में नृत्य, कायांग नृत्य, बाकयांग नृत्य, रासा नृत्य और झूर नृत्य प्रमुखता से किया जाता हैं। हिमाचल के कुछ अन्य नृत्य में लोसार शोना चुक्सम (किन्नौर), डांगी (चंबा), जी डांस और बुराह नृत्य, (सिरमौर), नाटी, खारात, उज्जगामा और चड्गेब्रीकर (कुल्लू) और शंटो (लाहौल और स्पीति) भी लोकप्रिय है |

7. food and drink of himachal

हिमाचल प्रदेश की संस्कृति हिंदी में

culture of himachal in hindi MEIN अब हम भोजन पर आ पहुंचे है इसके स्वादिष्ट व्यंजनों के उल्लेख के बिना हमारी जानकारी अधूरी है । यहाँ का भोजन कभी हद तक उत्तर भारतीयों से मेल खाता है लेकिन यहाँ मांसाहारी चीज़े भी लोकप्रिय है जो आपको उत्तर भारत में इतनी नहीं मिलेगी | हिमाचल के लोग दिन में ज्यादातर दाल, चावल, सब्जियां, चपाती और चटनी लोकप्रिय है लेकिन साथ में मांसाहारी व्यंजनों भी खाये जाते है।

हिमाचल प्रदेश के कुछ खास व्यंजन में पाटर, चाउक, भजेरी और चटनी तिल और नस्तासा, एक स्वीटमेट डिश भी प्रसिद्ध है।हालाँकि अब हरी सब्जियों का भी प्रचलन हो रहा है तो दोस्तों यह थी हिमाचल की कल्चर के बारे में कुछ बेसिक इनफार्मेशन अगर में विस्तार से बताऊ तो शायद पूरी बुक लिखनी पड़ जायगी में आपसे अनरोध करूंगा की एक बार हिमाचल जरूर जाये यह भारत का खूबसूरत राज्य है

culture of himachal in hindi में अब हम भोजन पर आ पहुंचे है इसके स्वादिष्ट व्यंजनों के उल्लेख के बिना हमारी जानकारी अधूरी है । यहाँ का भोजन कभी हद तक उत्तर भारतीयों से मेल खाता है लेकिन यहाँ मांसाहारी चीज़े भी लोकप्रिय है जो आपको उत्तर भारत में इतनी नहीं मिलेगी | हिमाचल के लोग दिन में ज्यादातर दाल, चावल, सब्जियां, चपाती और चटनी लोकप्रिय है लेकिन साथ में मांसाहारी व्यंजनों भी खाये जाते है।

read also hindifreedom.com/culture/856/अरुणाचल-प्रदेश-की-कला-और-स/(opens in a new tab)

8. हिमाचल कैसे जाए

रेल मार्ग द्वारा

हिमाचल की राजधानी शिमला रेल मार्ग से कालका (96 किलोमीटर)अच्छी तरह जुड़ा हुआ है यहा से शिमला जाने के लगभग 6 घंटे लगते हैं। कालका से शिमला आने एवं जाने के लिए आपको रोज़ 3 से 4 गाड़ियां मिल जायगी हैं। कालका से शिमला जाने लिए टॉय ट्रेन चलती है जो नैरो गेज लाइन पर है। शिवालिक एक्सप्रेस इस मार्ग पर चलने वाली पेंट्री सुविधा के साथ लक्जरी डीलक्स रेल है।

हिमाचल की राजधानी शिमला से कालका तक ब्रॉड गैज लाइन बिछी हुई है। रेल के जरिए यदि आप कही से शिमला पहुंचना चाहते तो आपको सबसे पहले आपको कालका आना होगा उसके बाद आप टॉय ट्रैन से शिमला पहुँच सकते हैं। कालका से शिमला पहुंचाने में आपको 4.5-5 घंटे लगते है।

सड़कमार्ग द्वारा

यह शिमला पहुंचने का आसान तरीका है। शिमला रोड मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है | शिमला के सबसे करीबी शहर कालका है जो शिमला से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। दूसरा करीबी शहर चंडीगढ़ 113 किलोमीटर पर स्थित है। शिमला से दूसरे बड़े सहरो से बस सेवा उपलब्ध है आप बस से शिमला पहुँच सकते है | दिल्ली की दूरी करीब 370 किलोमीटर है

हवाई मार्ग द्वारा

शिमला में कोई भी ऐयरपोर्ट नहीं है शिमला का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जुबरहट्टी एयरपोर्ट है जो की शिमला से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। अगर आप दूसरे बड़े सहरो से शिमला पहुंचना चाहते हैं तो आपको चंडीगढ़ की फ्लाइट पकड़नी होगी । उसके बाद आपको चंडीगढ़ से जुबरहट्टी तक की फ्लाइट पकड़नी होगी यहाँ तक पहुंचे में फ्लाइट 1 घंटा लेती है | वह से बस या अन्य साधन से शिमला पहुंच सकते है |

हेलिकॉप्टर से शिमला

अगर आप हेलिकॉप्टर से शिमला पहुंचना चाहते है तो आपको सबसे पहले चंडीगढ़ तक आप फ्लाइट से पहुंव सकते है उसके बाद आप चंडीगढ़ से शिमला हेलिकॉप्टर में जा सकते हैं हेलीकॉप्टर से चंडीगढ़ से शिमला जाने के सिर्फ 25 मिनट लगते है | इसका प्रति व्यक्ति किराया करीब 3500 रुपए लगता है।

9. हिमाचल प्रदेश का पर्यटन

culture of himachal in hindi पर्यटन उद्योग हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में उच्‍च योगदान देता है भारत में पर्यटन की आय में हिमाचल उच्च योगदान देता है एवं हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इसके विकाश के लिए कई कार्य कर रही है जैसे जनोपयोगी सेवाएं, सड़कें, संचार तंत्र हवाई अड्डे यातायात सेवाएं, जलापूर्ति और जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं आदि प्रमुख है।

राज्‍य का पर्यटन राज्‍य की आय में 10 प्रतिशत का योगदान देता है। राज्य में टूरिस्ट स्थानों की कोई कमी नहीं है यह राज्य टूरिस्टो का स्वर्ग है | गर्म पानी के स्रोत, ऐतिहासिक दुर्ग, प्राकृतिक और मानव निर्मित झीलें, उन्‍मुक्‍त विचरते चरवाहे पर्यटकों के लिए शान्ति का स्रोत हैं। यहाँ के पर्यटन स्थल इस प्रकार है :-

9.1 चंबा घाटी

चंबा घाटी 915 मीटर की ऊंचाई पर रावी नदी के किनारे स्थित है। चम्बा घाटी अपनी भव्‍य वास्‍तुकला और अनेक रोमांचक यात्राओं के लिए प्रसीद है ।

9.2 डलहौज़ी

पश्चिमी हिमाचल प्रदेश में डलहौज़ी नामक एक पर्वतीय स्‍थान बहुत सारी पुरानी चीज़े मौजूद है | डलहौज़ी करीब 14 वर्ग किलो मीटर में फैला हुआ है एवं इस स्थान पर काठ लोग, पात्रे, तेहरा, बकरोटा और बलूम नाम की 5 पहाडियां मौजूद है। इसे 19वीं शताब्‍दी में ब्रिटिश गवर्नर जनरल, लॉड डलहौज़ी के नाम पर बनाया गया ।

इसकी ऊंचाई करीब 525 मीटर से लेकर 2378 मीटर तक है एवं इसके आस पास विभिन्न प्रकार की वनस्‍पति-पाइन, देवदार, ओक और फूलों से भरे हुए रोडो डेंड्रॉन आदि देखने को मिल जायँगे डलहौज़ी में मनमोहक यु‍गीन वास्‍तुकला मौजूद है जिसमें कुछ सुंदर गिरजाघर भी है। हर वर्ष खेल कार्निवाल आयोजित किए जाते हैं और यह उन पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है जो केवल इन्‍हें देखने के लिए यहां आते हैं।

यह स्‍थान ट्रेकिंग और पहाड़ी पर चढ़ने के लिए भी जाना जाता है जो रोमांचकारी खेल प्रेमियों का आदर्श स्‍थान है।

9.3 मनाली

मनाली कुल्‍लू से 40 किलोमीटर की दुरी पर लेह की और जाने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर मनाली स्थित है। यह स्थान लाहुल, स्‍पीति, बारा भंगल (कांगड़ा) और जनस्‍कर पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई करने वालो के लिए अच्छा स्थान है | मनाली के मनोरम दृश्‍य और रोमांचकारी गतिविधियां पर्यटकों को अपनी और खींचती है |

9.4 कुल्‍लू

कुल्लू घाटी को पहले कुलंथपीठ घाटी के नाम से जाना जाता था । कुल्‍लू घाटी को भारत में देवताओं की घाटी कहा जाता था । यहां के मंदिर, सेब के बागान और दशहरा हजारों पर्यटकों को अपनी और खींचते है |

9.5 शिमला

हिमाचल प्रदेश की राजधानी और ब्रिटिश समय की ग्रीष्‍म कालीन राजधानी शिमल एक महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र है। शिमला करीब 7267 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है । शिमला करीब 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके आसा पास घने जंगल और टेढ़े-मेढे़ रास्ते मौजूद हैं जहा से मनोरम दृश्य दिखाई देते है ।

शिमला सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पुरे विश्व का एक प्रसीद पर्यटन स्थल है। बर्फ से ढकी पहाडि़यों से सूंदर दृश्य पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है |शिमला में विभिन्न कलाकृतियां जैसे वास्तुकला, पहाड़ी कलम, सूक्ष्म कला, लकडि़यों पर की गई नक्काशियां, आभूषण एवं अन्य कृतियां आपको देखने को मिल जायँगे। शिमला में कुछ ऐतिहासिक भवन मौजूद है ,जैसे वार्नेस कोर्ट, गार्टन कैसल व वाइसरीगल लॉज आदि |

Read also hindifreedom.com/culture/687/असम-की-कला-और-संस्कृति-और-अ/(opens in a new tab)

हिमाचल प्रदेश के कुछ खास व्यंजन में पाटर, चाउक, भजेरी और चटनी तिल और नस्तासा, एक स्वीटमेट डिश भी प्रसिद्ध है।हालाँकि अब हरी सब्जियों का भी प्रचलन हो रहा है तो दोस्तों यह थी culture of himachal in hindi के बारे में कुछ बेसिक इनफार्मेशन ” अगर में विस्तार से बताऊ तो शायद पूरी बुक लिखनी पड़ जायगी में आपसे अनरोध करूंगा की एक बार हिमाचल जरूर जाये यह भारत का खूबसूरत राज्य है |

Categories: north east Culture
Deepak daga: मेरा नाम दीपक डागा है में पांचू में रहता हु में पार्ट टाइम ब्लोग्गर हु मेरा ब्लॉग hindifreedom.com को मैंने 24 may 2020 start किया था मेरा ब्लॉग को बनाने का मुख्य उद्देश्य पाठको को हिंदी भाषा में ज्यादा से ज्यादा वैल्युएबल जानकारी उपलब्ध कराना है मुझे नार्थ ईस्ट इंडिया की संस्कृति से काफी लगाव है इसलिए में वहा की कल्चर से जुडी जानकारी शेयर करना पसंद करता हु | आपको कोई मदद की जरुरत हो तो नीचे कमेंट जरूर करे |