जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति एवं पूरी जानकारी

जम्मू एवं कश्मीर उत्तर भारत में स्थित देश सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। आज हम जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति के बारे में विस्तार से जानेगे जिसको ‘दुनिया का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। इस राज्य का अधिंकाश हिस्सा पर्वत, नदियों और झीलों से ढका हुआ है एवं प्रकृतिक सुंदरता से भरपूर है जो इसको दुनिया का सबसे खूबसूरत राज्य बनाता है |

जम्मू एवं कश्मीर की संस्कृति कई संस्कृतियों का एक विविध मिश्रण है। यह राज्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है यह मुस्लिम, हिंदू, सिख और बौद्ध दर्शन सभी एक साथ मिल कर एक समग्र संस्कृति को बनाते हैं | आइये जानते है जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति के बारे में –

1. जम्मू एवं कश्मीर का इतिहास

जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति – अगर देखा जाए तो कश्मीर का इतिहास इससे भी पुराना ज्ञात होता है जिसको आज हम विस्तार से नहीं जानेगे इतिहास को मोटे तोर पर देखे तो ईसा पूर्व तीसरी शताब्‍दी में सम्राट अशोक ने कश्‍मीर में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया | उसके बाद कश्मीर में हिंदू और बौद्ध संस्‍‍कृतियों का मिश्रित रूप वि‍कसित हुआ। कश्‍मीर के हिंदू राज्‍यों मं ललितादित्‍य (सन 797 से सन738) सबसे प्रसिद्ध राजा हुए जिन्होंने अपने साम्रज्य का विस्तार काफी दूर तक किया | कश्‍मीर में इस्‍लाम का आगमान 13वीं और 14वीं शताब्‍दी के आरंम्भ में हुआ |

सन 1733 से 1782 तक राजा रंजीत देव ने जम्‍मू एवं कश्मीर पर शासन राज किया परन्तु बाद में राजकाज की बागडोर डोगरा शाही खानदान के वंशज राजा गुलाब सिंह को दे दी । 1947 तक जम्‍मू एवं कश्मीर पर डोगरा शासकों ने राज किया इसके बाद महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्‍टूबर, 1947 को जम्मू एवं कश्मीर को भारतीय संघ में विलय के समझौते पर हस्‍ताक्षर कर दिए ।

2. जम्मू एवं कश्मीर की वेशभूषा

जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति में वेशभूसा महत्वपूर्ण स्थान रखती है जिसमे गर्दन पर बटन लगाने और टखनों तक गिरने वाले लंबे ढीले गाउन पहने जाते है। सर्दियों में यह ऊन से और गर्मियों में कपास से बनाया जाता है। पुरुषों और महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले फेरन के बीच बहुत कम अंतर होता है। फेरन के नीचे एक ढीले प्रकार का एक पायजामा पहना जाता है और यह सभी ग्रामीण लोगो की पोशाक होती है। मुस्लिम महिलाएं लाल रंग की पट्टिका और पंडित महिलाऐ सफेद कपड़े की पट्टियों से घिरी पोसाक सिर पर पहनती हैं।

एक शॉल सिर और कंधों पर लगाया जाता है।कश्मीर के पुरुष सम्मान और मिलनसार होने के संकेत के रूप में सिर पर पगड़ी पहनते हैं। कुछ वर्गों में स्त्रियो को सुंदर साड़ी और सलवार पहने हुए भी देखा जा सकता है, जबकि पुरुष के द्वारा कोट और पतलून पहना जाता हैं।

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3. जम्मू एवं कश्मीर के भोजन

जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति में अब हम भोजन पर आ पहुंचे है कश्मीर का मुख्य भोजन चावल है। इसके अलावा यहाँ कश्मीरी पुलाव भी काफी लोकप्रिय व्यंजनों है।कश्मीर के लोग भोजन करते समय सब्जियों का काफी मात्रा लेते हैं कश्मीर का पसंदीदा डिश हॉक या करम साग है। हालाँकि शहरों में मटन भी बड़ी मात्रा में खाया जाता है लेकिन जम्मू एवं कश्मीर के गांवों में सिर्फ यह उत्सव के अवसरों में ही खाया जाता है।

इसके अतिरिक्त जम्मू और कश्मीर में नशीले पेय का भी सेवन किया जाता हैं। कश्मीरी पुलाव कश्मीरी शाकाहारियों के लिए प्रमुख व्यंजन है। इसके अलावा मसाले, दही भी शामिल हैं। मुसलमान लोग हींग और दही नहीं खाते हैं जबकि कश्मीरी पंडित अपने भोजन में प्याज और लहसुन खाने से बचते है | कश्मीरी पेय पदार्थों की बात करे तो उसमे , कहवा औरदोपहर चाय या शीर चाय प्रमुख हैं।

4. जम्मू एवं कश्मीर का संगीत और नृत्य

कश्मीर में संगीत को सूफियाना कलाम कहा जाता है। इस्लाम के आने के बाद कश्मीरी संगीत ईरानी संगीत से प्रभावित हुआ। कश्मीर में उपयोग किये जाने वाले संगीत वाद्ययंत्र का आविष्कार ईरान में किया गया । अन्य कश्मीरी वाद्ययंत्रों में नागरा, डुकरा और सितार आदि प्रमुख हैं।कश्मीरी धुनों के कई राग फ़ारसी भाषा के रूप में पेश किए जाते हैं | रबाब नामक एक स्वीकृत लोक संगीत भी कश्मीर में काफी लोकप्रिय है |

जम्मू घाटी में एक डोगरा पहाड़ी क्षेत्र मौजूद है यह क्षेत्र एक प्रसिद्ध कलाकार गीतरू के नाम से जाना जाता है। यह कलाकार मुख्य रूप से त्योहारों या ग्रामीण शादियों में प्रदर्शन करता है। रूफ के नाम से प्रसीद एक पारंपरिक नृत्य कश्मीरी महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है |

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5. जम्मू और कश्मीर की भाषा


जम्मू कश्मीर की भाषाऐ आधुनिक इंडो- आर्यन भाषाओं के बीच एक मजबूत स्थिति का दावा करती है। यह इन भाषा की प्राचीनता के कारण है | कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य परिवार की भाषा है जो कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में प्रमुख रूप से बोली जाती है, जिसको पुरे भारत में बोलने वाले करीबन 56 लाख लोग है |

कश्मीरी फारसी और संस्कृत भाषा से भी काफी हद तक प्रभावित रहे हैं , हालाँकि भारत सरकार ने 2020 में आधिकारिक भाषा विधेयक को मंजूरी दे दी है | जिसके तहत जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में उर्दू और अंग्रेजी के अलावा कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को शामिल किया गया है, कश्मीर की अन्य महत्वपूर्ण भाषाओं में पश्तो, गोजरी, बलती, पहाड़ी और लद्दाखी आदि प्रमुख हैं।

6. जम्मू एवं कश्मीर के त्यौहार

कश्मीर के लोग त्योहारों को मनाने के काफी ज्यादा शौकीन होते हैं और यह जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। जम्मू घाटी के उत्तर के बेहनी क्षेत्र में चैत्र चौदश प्रमुख रूप से मनाया जाता है। जबकि बहू मेला जम्मू के बहू किले में काली मंदिर के परिसर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। जम्मू घाटी के पुरमंडल शहर में शिव और देवी पार्वती के विवाह के अवसर को दर्शाने के लिए फरवरी एवं मार्च के महीने में पुरमंडलमंडल मेला लगता। इन त्योहारों के अतिरिक्त जम्मू एवं कश्मीर की संस्कृति में भारत के अन्य सभी महत्वपूर्ण त्योहार शामिल है। इनमें बैसाखी, लोहड़ी, झिरी मेला, नवरात्रि महोत्सव भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

7. जम्मू एवं कश्मीर के कला और शिल्प

जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति – जम्मू कश्मीर के कला एवं शिल्प यहाँ की संस्कृति को दर्शाते हुए बहुत ही उत्तम दर्जे के बने होते हैं। जिसमे बुने हुए कालीन, रेशम के कालीन, गलीचे, ऊनी शॉल, मिट्टी के बर्तनों और कुर्तों को बहुत खूबसूरत तरीके से उकेरा जाता है। कश्मीर में सजाए गए पारंपरिक नाव लकड़ी के बने होते हैं जिन्हे शिकारा के नाम से जाना जाता है। इस तरह से कश्मीर की संस्कृति में शिल्प एक समग्र विविधता में एकता की झलक दिखाते है।

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8. जम्मू एवं कश्मीर का साहित्य

जम्मू एवं कश्मीर का भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान है। कल्हण और बिलहाना को प्रमुख रूप से याद किया जाता है। बिल्हना के विक्रमनकादव चारिता का नाता दक्षिण भारत के इतिहास से है। चरक और कोका ने चिकित्सा और सेक्स का अध्ययन किया था। वामन, नाममाता, आनंदवर्धन, रूयका, कुंतला, अभिनवगुप्त भी प्रमुख हैं। ऐसे ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोग जैसे मान्खा, क्षेमेनिद्र, मातृगुप्त, शिल्हन, झालाना, शिवस्वामिन और सोमदेव प्रख्यात कश्मीरी लेखक थे।

9. कश्मीर का पर्यटन

जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति बर्फ़ीले हिमाच्छादित पहाड़ों, सफ़ेद झालरदार पत्ते और चमकदार नीले पानी के साथ जम्मू और कश्मीर की भूमि कई आकर्षण को सजोये हुए है ,राज्य को भौगोलिक दृस्टि से तीन प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिसमे जम्मू, कश्मीर और लद्दाख प्रमुख रूप से है | पर्यटन की दृस्टि से इन तीनो ही जगह अपार सम्भावनाये एवं प्राकृतिक सुंदरता मौजूद है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को जीवंत और मन की शांति प्रदान करता है | यहाँ आकर आप आध्यात्मिकता के संकुचित धुंध में भरे हुए विविधता में एकता का वास्तविक अर्थ अनुभव कर सकते हैं |राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में गोल्फिंग, ट्राउट-मछली पकड़ने, ट्रेकिंग और पर्वतारोहण जैसे कठोर साहसिक गतिविधियों का लुप्त उठा सकते है |

10. कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल

1 . आकर्षक स्थल श्रीनगर

कश्मीर के पर्यटक स्थलों में से श्रीनगर का नाम सबसे पहले आता है जिसे ‘हेवन ऑन अर्थ’ के रूप में भी जाना जाता है। जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर झेलम नदी के तट पर स्थित सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से है | श्रीनगर में पर्यटन का आंनद लेने के लिए सबसे पहली चीज है यहां की पहाडिय़ां , दूसरी है यहाँ की हाउसबोट।

2. पर्यटन स्थल लेह लद्दाख

दुनिया की सबसे शक्तिशाली पर्वत श्रृंखलाओं हिमालय और काराकोरम से घिरा हुआ लेह लद्दाख एक बहुत ही प्रसिद्ध और दुर्लभ पर्यटन स्थल है। लद्दाख उन क्षेत्रों में से है जो प्रकृति, भूगोल, विज्ञान से लेकर मामूली संस्कृतियों को सजोये हुए है । गोम्पस से लेकर मोमोज तक लदाख में आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

3. दर्शनीय स्थल गुलमर्ग

गुलमर्ग समुद्र तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है | गुलमर्ग बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे घास के मैदान, सदाबहार जंगलों वाली पहाड़ियों और घाटियों से घिरा हुआ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। गुलमर्ग अनेक बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है।

4. खूबसूरत जगह पहलगाम

प्राकृतिक सौंदर्य छोटे – छोटे घर, हरे-भरे खेतो से सम्पन पहलगाम कश्मीर की खूबसूरत जगहों में से एक है, जो अपनी प्राक्रतिक सुन्दरता के कारण पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है । इसके अतिरिक्त पहलगाम झील में रिवर राफ्टिंग, गोल्फिंग और पारंपरिक कश्मीरी वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी जाना जाता है।

5 . प्रसिद्ध जगह सोनमर्ग

सोनमर्ग जम्मू एवं कश्मीर में स्थित आकर्षक शहर है, जो बर्फ से भरे मैदानों, राजसी ग्लेशियरों और शांत झीलों से घिरा हुआ पर्यटकों को आकर्षित करता है। सोनमर्ग से 80 किमी उत्तर-पूर्व में समुद्र तल से लगभग 2800 किमी की ऊंचाई पर स्थित एक सुरम्य शहर भी मौजूद है।

6. प्रमुख धार्मिक स्थल अमरनाथ

अमरनाथ गुफा को भगवान शिव के उपासकों का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग मौजूद है। इस जगह पर हर साल लाखों पर्यटक जाते हैं, जिसे “अमरनाथ यात्रा” के नाम से भी जानते है |

7. देखने लायक जगह पुलवामा

पुलवामा, श्रीनगर जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है जो अपने सेब के बागों, झरनों, प्राकृतिक झरनों और प्राकृतिक घाटियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के साथ ही यह यहाँ स्थित विभिन्न मंदिरों के लिए भी लोकप्रिय है |

8. वैष्णो माता मंदिर (जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति)

त्रिकुटा पहाड़ियों में कटरा से 15 किमी दूर स्थित है जो समुद्रतल से 1560 मीटर की ऊँचाई पर गुफा में मंदिर है | माता वैष्णो देवी मंदिर कश्मीर के साथ ही पुरे भारत का लोकप्रिय तीर्थ स्थल है जहाँ पर हर साल हजारों तीर्थयात्री मां वैष्णों का आशीर्वाद लेने के लिए कश्मीर आते हैं।

9. पटनीटॉप

हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों और मनोरम दृश्यों के साथ, पटनीटॉप प्रकृति का अनुभव करने के लिए एक आकर्षक स्थान है। जो कश्मीर के प्रमुख आकर्षण केन्द्रो में से एक है यह हर साल हजारों पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी और खींचता है।

10. युसमर्ग

युसमर्ग करीब 7,500 फीट की ऊंचाई पर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के केंद्र पर मौजूद एक खूबसूरत स्थान है। जिसे “यीशु का मेदो” के रूप में भी जाना जाता है | ऐसा माना जाता है की इस स्थान पर है यीशु एक बार रहे थे। युसमर्ग एकांत और मन की शांति पाने के लिए एक अच्छा स्थान है |

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11. कश्मीर घूमने का अच्छा समय

यदि आप कश्मीर घूमने जाने का सोच रहे है तो कश्मीर घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक का माना जाता है | कश्मीर की यात्रा के लिए ग्रीष्मकाल का मोसम अच्छा होता है जहा आप गर्मी में बर्फ के बीच रोमांचक समय बिता सकते है। इसके अतिरिक्त आप हिल स्टेशन पर जाने के लिए मानसून के मौसम में भी जा सकते हैं। लेकिन सर्दियों में कश्मीर नहीं जाना चाहिए क्युकी इस समय भारी बर्फबारी होती है |

12. कश्मीर कैसे पहुंचे – How To Reach Kashmir In Hindi

अगर आप कश्मीर जाना चाहते है तो आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग में से किसी के द्वारा कश्मीर पहुंच सकते है। अगर आप जानना चाहते है तो हमारा नीचे का आर्टिकल जरूर पढ़े |

फ्लाइट से

कश्मीर का निकटतम श्रीनगर हवाई अड्डा जो कश्मीर से 15 किमी की दूरी पर स्थित है, जो प्रमुख देश के शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।यहाँ पर एयर इंडिया, गोएयर, इंडिगो और जेट एयरवेज की दिल्ली, गोवा, जम्मू, लेह मुंबई और बैंगलोर से नियमित उड़ानें चलती है जिससे आप आसानी से पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग से

यदि आप सड़क मार्ग से कश्मीर जाने का सोच रहे है तो कश्मीर के लिए कई निजी और राज्य सरकार द्वारा बस सेवाएं उपलब्ध हैं। जम्मू एवं कश्मीर निजी बसों के नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिसमें आसपास के कई शहर और कस्बे शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 1-ए भी श्रीनगर को जम्मू से जोड़ता है।

रेल मार्ग से

यदि आप रेल मार्ग से कश्मीर जाना चाहते है तो कश्मीर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। जो जम्मू कश्मीर के साथ-साथ भारत के प्रमुख शहरों से भी जुड़ा हुआ है। जिससे आप ट्रेन से यात्रा करके जम्मू रेलवे स्टेशन जा सकते हैं |

आज के आर्टिकल में हमने जाना “जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति एवं पूरी जानकारी ” उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा होगा अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो कमेंट करके जरूर बताये में उतर देने की कोशिस करूँगा |

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